करही मे अवैध रेत उत्खनन फिर शुरू, मामला सेटल – किसका संरक्षण ?

मुस्ताक कुरैशी/सक्ती/हसौद – सक्ती जिले में प्रशासन के कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं , जिले के करही मे रेत माफियाओं पर अंकुश लगाने मे प्रशासनिक अमला पूरी तरह विफल है , वहीं जिम्मेदारों के मौन से स्पष्ट नजर आ रहा है कि अन्दर खाने क्या चल रहा है ।
दरअसल सक्ती जिले मे महानदी के किनारे ग्राम करही मे भारी मात्रा में अवैध रेत खनन की शिकायत जिले के जिम्मेदारों को कई बार दी गई है , कुछ दिन पहले ही रेत उत्खन मामले मे मारपीट की घटना भी सामने आई थी,बाकायदा जप्त चैन माउंटिंग मशीन को बिना परमिशन फिर से नदी मे ले जाकर उत्खन किया जा रहा था जिसके ऊपर एफ.आई.आर दर्ज कराने की बात कही गई थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हो पाई है ,
सेटलमेंट या संरक्षण ? – लगातार शिकायतों के बावजूद रेत माफियाओं पर कार्यवाही नही होना कई सवाल खड़े कर रहा है , करही मे हुई मारपीट की घटना के बाद फिर से उत्खनन शुरू होना क्या माफियाओं का जिम्मेदारों से सेटलमेंट हो गया है या फिर राजनैतिक संरक्षण के आगे अधिकारी नतमस्तक हैं ।
कार्यवाही का दिखावा – अवैध रेत उत्खनन मे माफियाओं को बचाने के लिए जिम्मेदार दिखावे की कार्यवाही कर 1-2 ट्रैक्टरों को पकड़ कर चालान बना देते है। जबकि रोज शाम ढलते ही हाईवा मे अवैध रेत सप्लाई किया जा रहा है , जिसको आँखें बंद कर अभयदान दिया जा रहा है ।
महानदी का अस्तित्व खतरे मे – हाईवा से रोज रात हो रहे अवैध उत्खन से महानदी का अस्तित्व खतरे मे है साथ ही गांवों से होकर गुजरने वाली सड़कों की हालत भी बिगड़ती जा रही है ।
महानदी सेवक संघ रायपुर ने की शिकायत – अवैध रेत उत्खनन से महानदी के बिगड़ते हालात के कारण अब इसकी शिकायत महानदी सेवक संघ ने मुख्यमंत्री, प्रभारी मंत्री और विधानसभा नेता प्रतिपक्ष से की है जिन्होंने आगामी सत्र मे इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाने की बात कही है । देखने वाली बात होगी कि आखिर महानदी के सीने को छलनी होते देख क्या क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को तकलीफ होती है क्या कोई अधिकारी अपना कर्तव्य सही तरीके से निभा पाता है या मौनधारण कर सेटलमेंट की रोटी का बंटवारा चलता रहता है।