बिर्रा में अवैध राखड़ डंपिंग का खुला खेल: पर्यावरण खतरे में, प्रशासन मौन

बिर्रा में अवैध राखड़ डंपिंग का खुला खेल: पर्यावरण खतरे में, प्रशासन मौन

बिर्रा, 14 जून 2025: बिर्रा के चांपा रोड पर अवैध राखड़ डंपिंग का सिलसिला खुलेआम जारी है। हमारी टीम ने जब इस डंपिंग स्थल का जायजा लिया, तो कई सनसनीखेज तथ्य सामने आए। पेशे से डॉक्टर , पर्यावरण विभाग से बिना किसी अनुमति के सफेद राखड़ की अवैध डंपिंग कर रहे हैं, जिससे पर्यावरण को गंभीर नुकसान और स्थानीय लोगों को भारी परेशानी हो रही है।


स्कूल निर्माण में राखड़ का इस्तेमाल, जनता परेशान

चांपा रोड पर चल रहे स्कूल निर्माण कार्य में इस राखड़ का उपयोग किया जा रहा है, जिसके कारण सड़क पर धूल का गुबार उठ रहा है। जब राखड धूल उड़ने से इससे राहगीरों, और स्थानीय निवासियों को सांस लेने में तकलीफ और आंखों में धूल लगने से आवागमन में बाधा का सामना करना पड़ रहा है। हमारी टीम ने जब राखड़ डंपिंग से जुड़े वाहन चालकों से पूछताछ की, तो उन्होंने प्रशासनिक लापरवाही की ओर इशारा किया। जब इस विषय में थाना प्रभारी कृष्णपाल सिंह से संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा, “ये हमारे विभाग का काम नहीं है, आप पर्यावरण विभाग से संपर्क कर जानकारी दे सकते हैं एवम शिकायत कर सकते हैं उनकी यह टिप्पणी जिम्मेदार अधिकारी की उदासीनता को दर्शाती है।




नकटीडीह की एनओसी, बिर्रा में डंपिंग

जांच में यह भी सामने आया कि आर.के.एम. पावर प्लांट के ट्रांसपोर्टरों द्वारा नकटीडीह के लिए जारी एनओसी का दुरुपयोग कर बिर्रा में राखड़ डंपिंग की जा रही है। यह अवैध कारोबार इतने बेखौफ तरीके से चल रहा है कि ट्रांसपोर्टरों का मनोबल आसमान छू रहा है। जिम्मेदार अधिकारियों की चुप्पी इस मामले को और गंभीर बनाती है।


पर्यावरण विभाग का आश्वासन, कार्रवाई का इंतजार

पर्यावरण विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि, “बिर्रा में राखड़ डंपिंग के लिए हमारे विभाग से कोई अनुमति नहीं दी गई है। मैं जल्द ही डंपिंग स्थल का दौरा कर स्थिति का जायजा लूंगा और उचित कार्रवाई करूंगा।” हालांकि, इस आश्वासन के बावजूद स्थानीय लोग और पर्यावरण प्रेमी इस मामले में त्वरित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।




राखड़ माफिया और अधिकारियों की मिलीभगत?

यह मामला राखड़ माफिया और कुछ जिम्मेदार अधिकारियों के बीच संभावित मिलीभगत की ओर इशारा करता है। सफेद राखड़ से होने वाला प्रदूषण न केवल पर्यावरण के लिए खतरा है, बल्कि यह स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर रहा है। रोड किनारे हो रहे राखड डंप करने आने जाने वाले नागरिकों को राखड उड़ते धूल से परेशानियों का सामना करना पड़ता है।




आगे क्या?

इस मामले में अब सभी की निगाहें पर्यावरण विभाग और जिला प्रशासन पर टिकी हैं। क्या जिम्मेदार अधिकारी इस राखड़ माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे, या यह बेखौफ डंपिंग का सिलसिला यूँ ही चलता रहेगा? हमारी टीम इस मुद्दे पर लगातार नजर रखेगी और जनता तक सच्चाई पहुंचाती रहेगी।




क्या कहते हैं अधिकारी –

कृष्णपाल सिंह, थाना प्रभारी, बिर्रा: “ये हमारे विभाग का काम नहीं है, आप पर्यावरण विभाग में जानकारी दे एवं शिकायत करें”

उमाकांत जायसवाल, तहसीलदार बम्हनीडीह: फोन नहीं उठाया।

अनिल साहू, खनिज अधिकारी: नंबर कथित तौर पर ब्लैकलिस्ट।

पर्यावरण अधिकारी: “हम इस पर जरूर कार्रवाई करेंगे। बिर्रा के लिए कोई आदेश नहीं मिला है। मैं जल्द ही डंपिंग स्थल का जायजा लूंगा।”

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